बिलासपुर (4 नवंबर 2025):
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में आज सुबह एक भयावह रेल हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। लालखदान स्टेशन के पास बिलासपुर–कटनी सेक्शन पर कोरबा पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी की आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कोरबा पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसा हावड़ा–मुम्बई रेल मार्ग के सबसे व्यस्त हिस्से पर हुआ है। इस दुर्घटना के चलते इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। अब तक की रिपोर्टों के अनुसार, कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से घायल हैं। हालांकि रेलवे प्रशासन ने अभी तक मृतकों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
जैसे ही घटना की जानकारी रेलवे अधिकारियों और जिला प्रशासन को मिली, रेस्क्यू टीमों और मेडिकल यूनिट्स को तुरंत मौके पर रवाना किया गया। बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया है। स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। फिलहाल घायलों को नजदीकी बिलासपुर जिला अस्पताल और अन्य चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया जा रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा इतना तेज़ था कि दोनों ट्रेनों के इंजन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कोरबा पैसेंजर के पहले तीन डिब्बे पलट गए, जिनमें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कई यात्री बोगियों में फंसे हुए थे, जिन्हें काटकर बाहर निकाला जा रहा है। बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
रेलवे विभाग ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि सिग्नल फेल्योर या मानवीय गलती की वजह से यह दुर्घटना हुई होगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
रेल मंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया शोक
इस घटना के बाद रेल मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए मुआवजे की घोषणा की है और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि यात्रियों के परिजन उनसे संपर्क कर सकें। रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि जल्द ही इस मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य की जाएगी।
यह हादसा एक बार फिर रेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बार-बार चेतावनियों और सुरक्षा उपायों के बावजूद इस तरह की दुर्घटनाएं रेलवे सिस्टम की खामियों की ओर इशारा करती हैं। यात्रियों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

