अनूपपुर (मध्यप्रदेश)। सोशल मीडिया पर इन दिनों अनूपपुर जिले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक युवती के हाथ-पाँव बांधकर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया। यह वीडियो लोगों में आक्रोश फैला रहा है, लेकिन जांच के बाद पुलिस ने इसकी हकीकत सामने लाई है।
घटना का दावा
वायरल वीडियो में दिखाया जा रहा था कि लड़की के साथ अमानवीय तरीके से अपराध किया गया। सोशल मीडिया पर इसे “बलात्कार की घटना” बताकर खूब शेयर किया गया और लोगों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की जांच
अनूपपुर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि वायरल वीडियो का समय और स्थान स्पष्ट नहीं है। पुलिस को इस तरह की किसी घटना की औपचारिक शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई।
पुलिस का खुलासा
जांच के बाद पुलिस ने बताया कि यह वीडियो रंजिशन बनाया गया था। आरोप है कि वीडियो बनाने और वायरल करने का मकसद लड़की को बदनाम करना था। यानी, इसे अपराध की तरह दिखाकर सोशल मीडिया पर फैलाया गया ताकि समाज में गलत धारणा बने। पुलिस का कहना है कि वीडियो में बलात्कार जैसा कृत्य नहीं हुआ है, बल्कि यह किसी निजी रंजिश का परिणाम है।
सोशल मीडिया पर सतर्कता
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे बिना सत्यापन किए किसी भी वीडियो या मैसेज को शेयर न करें। इस तरह की अफवाहें समाज में तनाव और भ्रम फैलाती हैं। साथ ही, ऐसे झूठे और भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
अनूपपुर का यह मामला इस बात का सबूत है कि सोशल मीडिया पर हर वायरल वीडियो सच नहीं होता। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह वीडियो अपराध का प्रमाण नहीं बल्कि रंजिश का हिस्सा है। इसलिए आवश्यक है कि किसी भी संवेदनशील वीडियो पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि अवश्य करें।