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चंद्रयान-3 |
लाखों लोगों की उम्मीदों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के बाद यह मिशन संभव हो पाया। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि को देश के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह "नए भारत की नई उड़ान" है। वहीं, वैज्ञानिकों ने बताया कि इस मिशन से न केवल भारत की अंतरिक्ष तकनीक को मजबूती मिलेगी बल्कि आने वाले समय में चंद्रमा की सतह पर खनिजों और जल की खोज में भी मदद मिलेगी।
मिशन की सफलता के बाद देशभर में जश्न का माहौल है। स्कूल-कॉलेजों में बच्चों ने मिठाइयाँ बांटीं और कई जगहों पर लोगों ने आतिशबाज़ी कर इस उपलब्धि का स्वागत किया। सोशल मीडिया पर #Chandrayaan3 और #ISRO ट्रेंड कर रहे हैं। दुनिया भर के बड़े अखबारों और वैज्ञानिक संस्थानों ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सफलता भारत की तकनीकी क्षमता और युवा वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है। यह मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत को नई पहचान दिलाएगा बल्कि आने वाले वर्षों में वैज्ञानिक शोध और अंतरिक्ष पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
भारत की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। अब पूरा देश इस सफलता पर गर्व कर रहा है और भविष्य में और बड़े अंतरिक्ष मिशनों की ओर देख रहा है।
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